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उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर जारी, दर्जनों गांवों में मची तबाही

Thursday 23 July 2020 | July 23, 2020 WIB Last Updated 2020-07-23T14:58:57Z

उत्तर बिहार की नदियों में उफान से बाढ़-कटाव के साथ ग्रामीणों के विस्थापन की समस्या और विकट होती जा रही है। गुरुवार को भी बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक सहित अधिकांश छोटी पहाड़ी नदियां भी कई जगहों पर लाल निशान से ऊपर बहती रहीं। बाढ़ का पानी घरों में घुसने से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। लोगों ने सामुदायिक भवन, स्कूल,बांध व एनएच पर शरण ले रखा है।

पश्चिम चंपारण के मझौलिया में सिकरहना में का जमींदारी बांध टूट गया। इससे इलाके ढ़ाई हजार परिवार बाढ़ के खतरों से घिर गये हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गई हैं।  वाल्मीकिनगर बराज से 2.18 लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ा गया। गंडक में उफान से बैरिया में चंपारण बांध में रिसाव होने लगा है। हालांकि जलसंसाधन विभाग की टीम ने बालू भरे बैग से रिसाव को तत्काल बंद किया है। मगर खतरा बढ़ा हुआ है। गंडक का पानी वाल्मीकिनगर, बगहा, ठकराहा, भितहा, बैरिया व नौतन के दो दर्जन से अधिक गांवों में घुस गया है। तटबंध के भीतर के लोगों के रात में ही निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सिकरहना का पानी चनपटिया व लौरिया के तीन दर्जन से अधिक गांवों में घुस गया है। लौरिया-रामनगर व लौरिया-नरकटियागंज पथ पर आवागमन ठप है। सिकटा में सिकटा पदी में उफान है। बेतिया-सिकटा-मैनाटांड़ पथ पर तीन फीट पानी बह रहा है। दोनों प्रखंडों का संपर्क जिला से भंग हो गया है।

पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा में पखनहिया पंचायत के कलिकापुर में तिलावे नदी पर मनरेगा से बना बांध करीब बीस फीट में टूट गया। बांध टूटने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब चुकी है।  जिले के आठ प्रखंडों में बाढ़ तबाही मचा रही है। सुगौली की पांच पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। अरेराज व सुगौली में तटबंध पर भारी दबाव बना है।

Input : Live Hindustan

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